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Gangrape of Law College Student in Kolkata: Three Accused Arrested, Incident Sparks Outrage
कोलकाता में लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप: तीन आरोपी गिरफ्तार, मामले ने मचाया हड़कंप
कोलकाता, 27 जून 2025: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक बार फिर से एक शर्मनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। दक्षिण कोलकाता के कस्बा इलाके में स्थित साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 25 जून 2025 की शाम को एक 24 वर्षीय लॉ छात्रा के साथ कथित तौर पर गैंगरेप की घटना हुई। इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश और सनसनी फैला दी है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्या हुआ था?
25 जून 2025 की शाम करीब 7:30 बजे से 10:50 बजे के बीच, साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज के परिसर में एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना हुई। पीड़िता के अनुसार, तीन व्यक्तियों ने उसे कॉलेज परिसर में एक कमरे, जो कथित तौर पर गार्ड रूम था, में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि मुख्य आरोपी ने उस पर शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे उसने ठुकरा दिया था। इसके बाद, मुख्य आरोपी ने जबरदस्ती उस पर हमला किया। पीड़िता को सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद उसने इनहेलर मांगा। इसके बाद उसे गार्ड रूम में ले जाया गया, जहां कथित तौर पर अपराध को अंजाम दिया गया।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी, मनोजीत मिश्रा, ने उसे उसके प्रेमी को मारने और उसके माता-पिता को गिरफ्तार करवाने की धमकी दी थी। उसने यह भी दावा किया कि आरोपियों ने इस घटना को रिकॉर्ड किया। घटना के बाद, पीड़िता ने अपने परिवार को सूचित किया और कस्बा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की।
कौन हैं आरोपी?
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान इस प्रकार है:
मनोजीत मिश्रा (31 वर्ष): कॉलेज का पूर्व छात्र और वर्तमान में कॉलेज का स्टाफ सदस्य। वह तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा, तृणमूल छत्र परिषद (TMCP) का पूर्व पदाधिकारी भी बताया जा रहा है। वह वर्तमान में कोलकाता के अलीपुर कोर्ट में क्रिमिनल वकील के रूप में काम करता है।
जैब अहमद (19 वर्ष): कॉलेज का वर्तमान प्रथम वर्ष का छात्र।
प्रमित मुखोपाध्याय उर्फ प्रमित मुखर्जी (20 वर्ष): कॉलेज का वर्तमान छात्र।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मनोजीत मिश्रा इस अपराध का मुख्य आरोपी है, जिसने कथित तौर पर दुष्कर्म किया, जबकि अन्य दो आरोपियों ने उसका साथ दिया और अपराध में सहायता की।
क्या हुई पुलिस कार्रवाई?
घटना की शिकायत मिलने के बाद, कोलकाता पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। 26 जून की शाम को मनोजीत मिश्रा और जैब अहमद को तलबागान क्रॉसिंग के पास सिद्धार्थ शंकर रॉय शिशु उद्यान से गिरफ्तार किया गया। तीसरे आरोपी, प्रमित मुखोपाध्याय, को शुक्रवार की आधी रात को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और फोरेंसिक जांच के लिए घटनास्थल को सील कर दिया है।
पीड़िता का प्रारंभिक मेडिकल परीक्षण कोलकाता के सीएनएमसी अस्पताल में किया गया, जिसने शिकायत की प्रामाणिकता की पुष्टि की। सभी तीनों आरोपियों को शुक्रवार को अलीपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 1 जुलाई तक चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने मामले की गहन जांच के लिए हिरासत की मांग की थी।
राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने न केवल सामाजिक आक्रोश को जन्म दिया है, बल्कि राजनीतिक विवाद को भी हवा दी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर निशाना साधते हुए इसे “महिलाओं के लिए दुःस्वप्न” करार दिया है। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीया ने दावा किया कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा टीएमसी के शीर्ष नेताओं के साथ जुड़ा हुआ है और कॉलेज परिसर में इस takedown ऐसे अपराध कैसे हो सकते हैं। वहीं, टीएमसी ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। टीएमसी ने बीजेपी पर अपराजिता एंटी-रेप बिल को रोकने का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने टीएमसी पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया राहटकर ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर त्वरित और समयबद्ध जांच की मांग की है। उन्होंने पीड़िता के लिए चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता के साथ-साथ उचित मुआवजे की भी मांग की है।